श्री ॐ शक्ति साई सेवाधाम आश्रम प.पु. संतश्री विष्णुजी महाराज बापूज़ी द्वारा * संबधों का जुड़ना एक आकस्मिक संयोग हो सकता है परंतु संबधों को आपसी सद्भावना व प्रेमभाव से निभा पाना किसी कठिन तपस्या से कम नहीं* l

🚩*जय माता दी*🚩

Comments

Popular posts from this blog