꧁ ll जय माता दीll꧂

श्री ॐ शक्ति साई सेवाधाम आश्रम प.पु. संतश्री विष्णुजी महाराज (बापुजी)द्वारा 
ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली। इस प्रकार 
ब्रह्मचारिणी का अर्थ हुआ तप का आचरण करने वाली। इनके दाहिने हाथ में जप 
की माला एवं बाएँ हाथ में कमण्डल रहता है।
*꧁ ll जय माता दीll꧂*


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