꧁ ll जय माता दीll꧂

आत्मा साधक है और शरीर साधन, हम सब जीव उस परम् सत्ता के अंश है। 
पं.पु.संत श्री विष्णुजी बापू झिरन्या- पंधाना ब्रह्मकुमारी आश्रम के तत्वाधान में आयोजित एक शाम प्रभु के नाम कार्यक्रम में सेकड़ो भक्तो की उपस्थित में परमात्मा के गुणगान का बखान किया गया साथ ही ईश्वर क्या ईश्वर से हमारा केसा और क्या व्यवहार होना चाहिए इन सब विषयों पर चर्चा हुई इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पु.संत श्री विष्णुजी महाराज बापूजी ने उस परम् सत्ता के रचियता परमपिता परमेश्वर से निष्छल प्रेम करने से आत्मा को शांति मिलती हे शरीर एक साधन है मानव जीवन के लिए परन्तु प्रभु की साधक तो आत्मा हे,जो सूक्ष्म रूप में स्वयं ईश्वर हमारे शरीर में विद्यमान है। जीव जन्तु और प्राणी मात्र सभी कुदरत की देन है इन सभी से प्रेम करना मानवता का सबसे बड़ा कर्म है इसलिए परमात्मा को पाना है तो नित्य प्रभु को सच्चे मन से दो पल याद करते रहिये न जाने कब उसका बुलवा आजाये। इस अवसर पर विशेष रूप से राजस्थान माउंटआबू ब्रह्मकुमारी आश्रम से पधारे श्री नितिन भाईजी ने अपने सुमधुर भजनों से उपस्थित जन मानस का मन मोह लिया आपने मेल फीमेल दोनों ही आवाज में एक से बढ़कर एक शानदार भजनों एवं गीतों की प्रस्तुति दी।पुलवामा हमले शहीद हुए भारतीय वीरों को दी मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि।
इस आयोजन की सूत्रधार सुरेख दीदी ब्रह्मकुमारी आश्रम पंधाना की संचालिका ने सभी अतिथियों का पुष्प माला एवं साफा पहनकर सुवागत किया।



















Comments

Popular posts from this blog